Bhagavad Geeta Quote

Bhagavad Geeta Quote

Friday, April 15, 2011

दोस्ती का सच.....

तुमने हमे दोस्त कहा हमारे लिए यही काफी है,
वरना हम जैसो से दोस्ती कौन करता है.
और हम तो तुझसे दूर रहकर भी तेरी दोस्ती निभा लेंगे,
हमे तो बस तेरी नाराज़गी से डर लगता है.

हमने तुमसे दोस्ती की थी यही सोचकर,
की हाल-ए-दिल बतायंगे साथ बैठ कर,
पर तुम तो दोस्ती उसी से करती हो,
जिसका फायदा उठाया जाए कदम कदम पर.

अगर किसी को तुम जैसा दोस्त मिल जाए तो उसकी खुदा से और के रजा होगी.
और वो ही दोस्त जब तुमारी दोस्ती पर शक करें दोस्ती की इस से बड़ी क्या सज़ा होगी.

Monday, April 11, 2011

दिल के बेहद करीब.....


तुझे देखना अपनी खुशनसीबी,तुझे न देखना अपनी बदनसीबी समजतें हैं,
लोग तो पैसो में तोलते हैं अमीर गरीब को,हम तो तुमी न देखना ही अपनी गरीबी समजते हैं.

कितने बदनसीब है वो आंसू , जो तुमारी आँखों से बरसते हैं,
कितने बदनसीब है वो आंसू , जो तुमारी आँखों से बरसते हैं,

    " उन से जायदा बदनसीब तो हम हैं जो इन आँखों में रहने के लिए तरसते हैं."

सारे जहाँ में देखा...

सारे जहाँ में देखा कुछ नज़र नहीं आया,
तेरी आँखों में देखा सारा जहाँ नज़र आया.
कभी हमारी आँखों में बी देखो प्यार से,
आपको एक प्यार भरी सौगात मेलेगी,
और फिर बी नहीं दे सके कुछ आपको,
तो रातों से भी गहरी आपकी हर बात मेलेगी.

देखता हूँ एक सपना तुजे पाने का,
देखता हु एक सपना तुजे अपनाने का,
दर लगता है कहीं ये सपना टूट न जाए,
इसिलिये एक सपना देखता हूँ तुजे भूल जाने का.

आप सोच भी नहीं सकते हम आपको कितना प्यार करते हैं,
आप एक नज़र देख लो उसी  नज़र से आपकी नज़र उतार सकते हैं,
कौन कहता है चार दिन की होती है जिंदगी,
हम तो तेरे इंतज़ार में चार सदियाँ तक भी  गुज़ार सकते हैं.

रोने से दर्द कम होता....


रोने से दर्द कम होता तो दिन रात रोते हम,
और उन्हें भ हमसे प्यार होता तो यु बर्बाद न होते हम.
बर्बाद हो भी जाते तो उन्हें आबाद रखते,
और ज़माने की हर खुशिया उनके बाद रखते.
हर खुशिया उन्हें लाकर देते और गम अपने पास रखते.
और उन्हें भी कभी हमसे प्यार था  उन ग़मों से इस बात का एहसास रखते.

खुदा से मांगी थी मोहलत दो पल की 
पर क्या करें वो एक पल में ही चले गए........

उनको अपनों से मिलाने में डर लगता है,
सुना है अपनों की नज़र बहुत जल्दी लगती है.

रात का अंधेरा...

रात का अंधेरा तो चाँद भी न मिटा सका,
फिर क्यों तारे अपने आप को जलाते हैं.
वो कहते है की जलता तो उनका दिल है 
वो तो बस रात को जलने से बचाते हैं.

चाँद जलता है हमारी किस्मत पर क्युकी आप हमे प्यार करते हैं,
सूना है तारे आज भी आपका इंतज़ार किया करते हैं.......

किसी न किसी मोड़ पर.....

किसी न किसी मोड़ पर ज़रूर मिलेंगे,
इसिलिये हर मोड़ को तुमारे रस्ते पर मोड़ दिया.
और कहीं तुम अपना रास्ता ही न बदल दो,
इसिलिये हमने रस्ते पर खड़ा रहना ही छोड़ दिया.

रोना हमे आता कहाँ था वो तो तुमने सिखाया है,
और हम तो प्यार का मतलब भी न जानते थे,
उसका मतलब भी तुमने सिखाया है,
और उस ऊपर वाले के हाथों में वो ताकत कहाँ,
जो तुमे  बना सके.....शायद तुमने उस "खुदा" को बनाया है.

वो ऊपर बैठा सोचता होगा काश की में आज नीचे  होता,
पर उसकी किस्मत में आपका प्यार कहाँ ,इसिलिये उसने "मुझे" बनाया है. 


आज भी इंतज़ार है.....

Sunday, April 10, 2011

इस कलम से...

लिखने लगे जब इस कलम से उनके बारे में, 

तब ये कलम भी रोने लगी थी,

जब रोने का कारण पुछा इस कलम से 
तो कहती है खुदा की याद आ गयी थी.

कोई बताये इस कलम को की
खुदा कितनी बेवफाई करता है,
और खुद को प्यार न हो जाए
इसिलिये ज़मीन पर आने से डरता है.

खुदा की बेवफाई तो दुनिया देखा करती है 
इसिलिये तो लोग  खुदा पर ऐतबार  नहीं करते,
और जो कोई भी करता है ऐतबार इस खुदा पर 
वो लोग कभी इस दुनिया में  प्यार नहीं करते.


एक छोटी सी कोशिश...

भ्रष्टाचार


पहले अंग्रेजो को बगाया , अब नेताओं की बारी है.

जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
बस फर्क इतना है, 
उनकी चमड़ी सफ़ेद थी,इनके कपड़े सफ़ेद हैं.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
उन अंग्रेजों का एक ही जात,एक ही महज़ब हुआ करता था,
पर अब,
कोई गुजरती,कोई मराठी ,तो कोई भिहारी है.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
जब उन अंग्रेजों को बगाया,तब वो बेगाने थे,
पर अब,
ये नेता भी हमारे हैं ,और ये धरती माँ भी हमारी है.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.

इन्कलाब जिंदाबाद......