तुझे देखना अपनी खुशनसीबी,तुझे न देखना अपनी बदनसीबी समजतें हैं,
लोग तो पैसो में तोलते हैं अमीर गरीब को,हम तो तुमी न देखना ही अपनी गरीबी समजते हैं.
कितने बदनसीब है वो आंसू , जो तुमारी आँखों से बरसते हैं,
कितने बदनसीब है वो आंसू , जो तुमारी आँखों से बरसते हैं,
कितने बदनसीब है वो आंसू , जो तुमारी आँखों से बरसते हैं,
" उन से जायदा बदनसीब तो हम हैं जो इन आँखों में रहने के लिए तरसते हैं."
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