रोने से दर्द कम होता तो दिन रात रोते हम,
और उन्हें भ हमसे प्यार होता तो यु बर्बाद न होते हम.
बर्बाद हो भी जाते तो उन्हें आबाद रखते,
और ज़माने की हर खुशिया उनके बाद रखते.
हर खुशिया उन्हें लाकर देते और गम अपने पास रखते.
और उन्हें भी कभी हमसे प्यार था उन ग़मों से इस बात का एहसास रखते.
खुदा से मांगी थी मोहलत दो पल की
पर क्या करें वो एक पल में ही चले गए........
उनको अपनों से मिलाने में डर लगता है,
सुना है अपनों की नज़र बहुत जल्दी लगती है.
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