Bhagavad Geeta Quote

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Friday, April 15, 2011

दोस्ती का सच.....

तुमने हमे दोस्त कहा हमारे लिए यही काफी है,
वरना हम जैसो से दोस्ती कौन करता है.
और हम तो तुझसे दूर रहकर भी तेरी दोस्ती निभा लेंगे,
हमे तो बस तेरी नाराज़गी से डर लगता है.

हमने तुमसे दोस्ती की थी यही सोचकर,
की हाल-ए-दिल बतायंगे साथ बैठ कर,
पर तुम तो दोस्ती उसी से करती हो,
जिसका फायदा उठाया जाए कदम कदम पर.

अगर किसी को तुम जैसा दोस्त मिल जाए तो उसकी खुदा से और के रजा होगी.
और वो ही दोस्त जब तुमारी दोस्ती पर शक करें दोस्ती की इस से बड़ी क्या सज़ा होगी.

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