पहले अंग्रेजो को बगाया , अब नेताओं की बारी है.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
बस फर्क इतना है,
उनकी चमड़ी सफ़ेद थी,इनके कपड़े सफ़ेद हैं.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
उन अंग्रेजों का एक ही जात,एक ही महज़ब हुआ करता था,
पर अब,
कोई गुजरती,कोई मराठी ,तो कोई भिहारी है.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
जब उन अंग्रेजों को बगाया,तब वो बेगाने थे,
पर अब,
ये नेता भी हमारे हैं ,और ये धरती माँ भी हमारी है.
जंग तब भी जारी थी , जंग अब भी जारी है.
इन्कलाब जिंदाबाद......